हरिद्वार: पायलट बाबा आश्रम में संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद अब और गहराता जा रहा है। पहले से ही तीन गुटों में बंटे आश्रम के इस झगड़े में अब हरिद्वार के प्रसिद्ध मातृ सदन ने भी हस्तक्षेप कर दिया है। मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने आश्रम की संपत्ति को बचाने और दिवंगत पायलट बाबा को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है।
आज पायलट बाबा आश्रम के एक गुट के संत, स्वामी कर्ण गिरि और शंभू गिरि ने मातृ सदन पहुंचकर स्वामी शिवानंद से मुलाकात की। उन्होंने स्वामी शिवानंद को आश्रम की वर्तमान स्थिति से विस्तारपूर्वक अवगत कराया। स्वामी कर्ण गिरि ने अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी भी दी, जिससे स्वामी शिवानंद काफी क्षुब्ध दिखे।
इस मुलाकात के बाद स्वामी शिवानंद ने पायलट बाबा आश्रम को “कब्जा मुक्त” कराने और दिवंगत पायलट बाबा को न्याय दिलाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे कई प्रमाण मिले हैं जो यह संकेत देते हैं कि पायलट बाबा की मृत्यु स्वाभाविक नहीं थी, बल्कि उन्हें मारा गया था। हालांकि, उन्होंने इन प्रमाणों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
इसके अतिरिक्त, मातृ सदन को यह भी सूचना मिली है कि कुछ लोग आश्रम की बहुमूल्य संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की फिराक में हैं। इसे देखते हुए स्वामी शिवानंद ने शासन, प्रशासन, विभिन्न अखाड़ों, संत समाज और सभी न्यायप्रिय लोगों से इस “सत्य की लड़ाई” में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मातृ सदन हर हाल में पायलट बाबा की विरासत और आश्रम की संपत्ति को गलत हाथों में जाने से रोकेगा और दिवंगत आत्मा को न्याय दिलाएगा।
मातृ सदन के इस ऐलान के बाद पायलट बाबा आश्रम का विवाद और भी जटिल हो गया है। अब देखना यह होगा कि स्वामी शिवानंद किस प्रकार इस लड़ाई को आगे बढ़ाते हैं और क्या उनके हस्तक्षेप से आश्रम में शांति और न्याय स्थापित हो पाता है। फिलहाल, मातृ सदन के इस कदम से आश्रम के अन्य गुटों और प्रशासन पर दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।

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