
हरिद्वार: हरिद्वार के शिव मूर्ति रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित दक्ष होटल, जो कि स्थानीय पार्षद का बताया जा रहा है, इन दिनों विवादों के घेरे में है। होटल के एक बड़े हिस्से को अनाधिकृत निर्माण के कारण ध्वस्त किया जाना है, लेकिन कथित “सेटिंग गेटिंग” के चलते यह कार्रवाई पिछले दो वर्षों से अटकी हुई है। इस मामले को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने अब हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ( एच आर डी ए) के अधिकारियों को एक प्रार्थना पत्र सौंपा है, जिसमें तत्काल ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की मांग की गई है।
सूत्रों के अनुसार, दक्ष होटल 18% ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) योजना के अंतर्गत आता है। इस योजना के तहत, होटल के 72% हिस्से को अनाधिकृत घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किया गया था। हैरानी की बात यह है कि ध्वस्तीकरण का आदेश जारी होने के बावजूद, वर्ष 2022 से लेकर अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। आरोप है कि प्रभावशाली लोगों के साथ “सेटिंग गेटिंग” के चलते एन एच आर डी ए के अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
राज्य आंदोलनकारियों ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि एक तरफ प्राधिकरण आम नागरिकों के छोटे-मोटे निर्माणों पर तुरंत कार्रवाई करता है, वहीं दूसरी तरफ एक पार्षद के बड़े पैमाने पर किए गए अनाधिकृत निर्माण पर दो साल से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने एन एच आर डी ए के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।
इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोगों का कहना है कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए और यदि होटल का 72% हिस्सा अनाधिकृत है, तो उसे बिना किसी देरी के ध्वस्त किया जाना चाहिए।
उधर, इस पूरे घटनाक्रम पर “उत्तराखंड यूएस न्यूज़” नामक एक स्थानीय समाचार पोर्टल ने जल्द ही विस्तृत खुलासा करने की बात कही है। माना जा रहा है कि इस खबर के सामने आने के बाद मामले में नया मोड़ आ सकता है और प्राधिकरण पर कार्रवाई का दबाव बढ़ सकता है।
बहरहाल, हरिद्वार में दक्ष होटल के अनाधिकृत निर्माण का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। अब देखना यह है कि राज्य आंदोलनकारियों की शिकायत पर एच आर डी ए क्या कार्रवाई करता है और कब इस होटल के चिह्नित किए गए 72% हिस्से पर ध्वस्तीकरण की गाज गिरती है। इस पूरे मामले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।