हरिद्वार: नकली नोट रखने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरुद्ध भट्ट ने आरोपी को दोषी पाते हुए तीन वर्ष की सश्रम कैद तथा 10,000रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता कुशलपाल सिंह चौहान ने बताया कि 25 अगस्त 2016 को रुड़की कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक कुंवर राम आर्य अपने सहकर्मियों कांस्टेबल सचिन व कांस्टेबल विज पाल के साथ गस्त पर थे। तभी उन्हें सूचना मिली थी की एक मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति हरिद्वार से रुड़की की ओर आ रहा है। जिसके पास नकली नोट है और वह इन नकली नोटों को चलाने के लिए रुड़की आ रहा है। इस सूचना पर विश्वास कर पुलिस टीम ने सोनाली नदी पुल के पास तिराहे पर चेकिंग करने लगी थी। कुछ देर बाद एक मोटर साइकिल सवार आता हुआ दिखाई दिया था,जो पुलिस वालों को देखकर वापस मुड़ने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने उक्त मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति को मौके पर ही पकड़ लिया था, नाम पता पूछते हुए उसकी तलाशी ली गई तो उसने अपना नाम गुलबहार पुत्र बशीर अहमद निवासी पीरगढ़ी मंगलौर हरिद्वार बताया था। उसके पास से सौ रुपए के 35 नकली नोट बरामद हुए थे। वादी पक्ष में 6गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी गुलबहार को 3वर्ष की सश्रम कैद तथा 10000रुपए जुमाने की सजा सुनाई है। जबकि न्यायालय ने आरोपी को नकली नोट असली के रूप में प्रयोग लाने के मामले में दोष मुक्त कर दिया है।