हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की पूरे सावन चलने वाली शिव आराधना की पूर्णाहूति श्रावण पूर्णिमा सोमवार को होगी। श्रीदक्षिण काली मंदिर प्रांगण में आयोजित शिव आराधना के दौरान रविवार को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने विभिन्न प्रकार के फलों से शिवलिंग का श्रंृृृगार कर रूद्राभिषेक किया। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव ही संसार के अधिपति हैं। समस्त सृष्टि भगवान शिव से उत्पन्न होकर उनमें ही समाहित हो जाती है। कल्याणकारी और मृत्युंजय भगवान शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं जाती। पूजन और आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शिव अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। भक्तों को शिव आराधना की विधि बताते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव को भक्तों से अधिक कुछ नहीं चाहिए। भक्तों की भावना और जलाभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न हो उठते हैं। सावन भगवान शिव की आराधना का सबसे उत्तम अवसर है। भक्तों को सावन में प्रतिदिन गंगाजल मिश्रित पंच द्रव्य से जलाभिषेक करना चाहिए। स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरूदेव की आराधना की पूर्णाहूति सोमवार को होगी। जिसमें सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष एवं श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होंगे। इस दौरान स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,आचार्य पवनदत्त मिश्र,पंडित प्रमोद पांडे,कृष्णानंद ब्रह्मचारी,महंत लालबाबा,बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी, स्वामी अनुरागी,चेतन शर्मा समेत कई श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।