हरिद्वार। कनखल स्थित श्रीदरिद्रभंजन महादेव मंदिर में भागवत परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ किया गया। कलश यात्रा में सैकड़ो महिलाओं एवं पुरुषों ने भाग लिया। कथा के प्रथम दिवस भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कलश यात्रा का महत्व बताते हुए कहा कि जब देवताओं और राक्षसों ने मिलकर अमित प्रताप के लिए समुद्र मंथन किया। उस समय पर धन्वंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से प्रकट हुए। देवताओं ने अमृत का पान किया। जिससे देवता अमर हो गए। तभी से मनुष्यों द्वारा पूजन यज्ञ अनुष्ठान आदि देव कार्यों में कलश स्थापना की जाती है। यज्ञ के उपरांत इस जल का पान किया जाता है एवं अपने घरों में इस जल को छिड़का जाता है। जिससे घर में सुख समृद्धि धन-धान्य की वृद्धि होती है। शारीरिक रोगों की निवृत्ति होती है। यात्रा निकालने का अभिप्राय यह है कि कलश में देवी देवताओं का वास होता है। देवी देवताओं को अपने नगर में भ्रमण कराते हैं। जिससे नगर में खुशहाली बनी रहे। भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने भागवत महात्म्य की कथा का श्रवण कराते हुए कहा कि कथा का श्रवण करने से जीव जीते जी सुख समृद्धि और भगवत कृपा प्राप्त कर मोक्ष का अधिकारी बन जाता है। यदि हम अपने पितरों के निमित्त कथा का आयोजन एवं कथा का श्रवण करते हैं तो पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रीदारिद्र भंजन महादेव के मुख्य पुजारी पंडित कृष्ण कुमार शास्त्री ने बताया लगभग 15वर्षों से हर वर्ष सर्वजन कल्याण के लिए श्रावण माह में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। सैकड़ो की संख्या में भक्ति कथा का श्रवण कर अपने आप को भगवान शिव के चरणों में समर्पित करते हैं। इस अवसर पर पंडित कृष्ण कुमार शर्मा,राजेंद्र पोखरियाल, पंडित नीरज कोठारी,पंडित रमेश गोयल,पंडित उमाशंकर,पंडित बच्चीराम,ललित नारायण, कैलाश चंद्र पोखरियाल,मारुति कुमार,मीना बेंजवाल,किरण शर्मा,गणेश कोठारी आदि ने भागवत पूजन संपन्न किया।