हरिद्वार : आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि के शिष्य अरुण भदोरिया एडवोकेट ने महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद महाराज के विरुद्ध कानूनी नोटिस प्रेषित करके बताया है कि दक्षिण काली पीठ सिद्ध पीठ मंदिर में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के द्वारा प्रतिदिन भंडारा और अन्य सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों का आयोजन होता है। उनका पूजा, अनुष्ठान भी विशेष रहता है। ऐसे में स्वामी कैलाशानंद गिरि के खिलाफ लगाए गए आरोपों से वह आहत है। स्वमी कैलाशानंद गिरि से उनकी धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं।
नोटिस में अरुण भदोरिया ने यह भी बताया की आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि पर जो आरोप महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने लगाए हैं, उनके संबंध में कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किया है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बहला फुसला कर दिल्ली के बाराड़ी स्थित केदारनाथ धाम शिलान्यास के प्रोग्राम में ले जाने वाली बात पत्र में और वीडियो जो वायरल किया है उसमें कहा गया है। इससे स्पष्ट हाता है कि स्वामी परबोधानंद महाराज के द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की योग्यता पर भी किसी साजिश पर षड्यंत्र के तहत प्रश्न चिन्ह लगा दिया गया है।
नोटिस में ब्रह्मलीन रसानंद महाराज की मृत्यु का भी स्वामी प्रबोधानंद ने हत्या में कैलाशाानंद गिरि का हाथ बताया है। स्वामी प्रबोधानंद किसी षड्यंत्र व साजिश व किसी के कहने में आकर झूठा, मनगढ़ंत, छवि को खराब करने वाला बयान दिया है। स्वामी प्रबोधानंद किसी साजिश व षड्यंत्र के तहत आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज के विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर हिंदू संस्कृति व सनातन धर्म उनके भक्तों में उनकी छवि को खराब कर रहे हैं। स्वामी कैलाशानंद महाराज जो पूर्व में अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर रह चुके हैं। वे महान तपोनिष्ट, मां काली के परम भक्त व भगवान भोलेनाथ की कठोर तपस्या करते हैं। एड़ अस्ण भदौरिया ने स्वामी कैलाशानंद गिरि को आचार्य पद से हटाए जाने वाला बयान देने को किसी के बहकावे में आकर साजिश के तहत झूठी कार्रवाई करने व निरंजनी पंचायती श्री अखाड़ा के सचिव रवींद्र पुरी महाराज पर दबाव डालने का पूर्ण रूप से असफल प्रयास बताया।
उन्होंने स्वामी प्रबोधानंदगिरि महाराज ने नोटिस मिलने पर अपनी बातों व पत्र का खंडन कर माफी मांगने और ऐसा न करने पर उन्होंने उनके विरुद्ध न्यायालय में फौजदारी वाद दायर करने की बात कही है।